गुवाहाटी। महानगर के खानापाड़ा में आज 7वां प्रैक्टिकल एंडोक्राइनोलॉजी सम्मेलन आयोजित किया गया। यह मधुमेह और एंडोक्राइनोलॉजी पर पूर्वोत्तर का सबसे प्रमुख कार्यक्रम है, जिसमें मधुमेह, थायराइड और मोटापे के प्रबंधन के नवीनतम उपचार, सुझाव और नुकसान पर व्यावहारिक तरीके से अलग अलग सत्र के माध्यम से विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। इस सम्मेलन की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई थी और आयोजन की उच्च गुणवत्ता के कारण तेजी से आगे बढ़ा है। यह सम्मेलन डॉ. मिथुन भरतिया के दूरदर्शी सोच का हिस्सा है, जिन्होंने यूके में 12 साल से अधिक इस विषय पर अपना महत्वपूर्ण समय बिताया है। उन्होंने पूर्वोत्तर के लोगों की सेवा के लिए संरचित चिकित्सा शिक्षा और साक्ष्य आधारित उपचार लाने के लिए यूके से असम लौटने का फैसला किया। डॉ. भरतिया वर्तमान में एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल एंडोक्राइनोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष हैं। वे डीटेक के सह-संस्थापक भी हैं, जो भारत में तकनीकी विकास का नेतृत्व करता है। एंडोक्राइनोलॉजिस्ट और पूर्वोत्तर के एकमात्र सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. मिथुन भरतिया ने चर्चा की कि भारत और ब्रिटेन में उपचार के तरीके किस तरह अलग-अलग हैं और हम किस तरह से खुद को सर्वश्रेष्ठ देखभाल चिकित्सा पद्धति के लिए विकसित कर सकते हैं। इस सम्मेलन को देश में इसकी वैज्ञानिक विचारों के कारण बहुत उच्च दर्जा दिया गया है। यह सिद्धांत और व्यवहार के साथ सही संतुलन बनाता है और इसका उद्देश्य पूर्वोत्तर के स्थानीय डॉक्टरों को आगे बढ़ाना है। इस कार्यक्रम के आयोजन अध्यक्ष डॉ. बंशी साबू हैं, जबकि इस कार्यक्रम के संयोजक गुवाहाटी के वरिष्ठ सलाहकार चिकित्सक डॉ. राजकुमार भरतिया हैं। सम्मेलन में कई नामचीन चिकित्सकों ने अलग अलग सत्रों में अपने अनुभव एवं विचारों को साझा कर सभी का मार्गदर्शन किया।
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