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राजस्थान में मकान बनाने के लिए नए नियम? फटाफट जान लें, नहीं तो होगा भारी नुकसान

 


राजस्थान सरकार ने राज्यभर में नई निर्माण नीतियों को लागू करते हुए बिल्डिंग बायलॉज में बड़ा बदलाव किया है। अब 15 मीटर से ऊंची इमारत को हाईराइज माना जाएगा और 500 वर्ग मीटर से छोटे भूखंडों पर फ्लैट्स अपार्टमेंट नहीं बन सकेंगे। यह फैसला शहरी विकास में संतुलन और स्थानीय नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।


नई गाइडलाइन के मुताबिक 9 मीटर चौड़ी सड़क पर केवल जी+2, 12 मीटर चौड़ी सड़क पर जी+3 और 750 वर्ग मीटर से बड़े भूखंड पर ही जी+4 इमारतें बनाई जा सकेंगी। 750 वर्ग मीटर से बड़े व्यावसायिक भूखंडों पर 10 से 20 प्रतिशत क्षेत्र इको फ्रेंडली रखना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं 10,000 वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों पर ग्रीन बिल्डिंग बनाना अनिवार्य होगा।


रूफटॉप रेस्टोरेंट्स के लिए अब बड़े शहरों में 24 मीटर और छोटे शहरों में 18 मीटर चौड़ी सड़क होनी जरूरी होगी। हॉस्टल निर्माण के लिए 500 वर्ग मीटर का भूखंड और 12 मीटर चौड़ी सड़क अनिवार्य कर दी गई है। फायर ब्रिगेड की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 6 मीटर का गलियारा छोड़ना अनिवार्य होगा। कमर्शियल कॉम्प्लेक्स और अस्पतालों में 50 प्रतिशत विजिटर पार्किंग और हर फ्लैट के लिए एक कार पार्किंग स्थान बनाना होगा। मल्टी स्टोरी इमारतों में अधिकतम 16 मीटर का ही सेटबैक अनिवार्य किया गया है, जिससे भवनों के डिजाइन में लचीलापन आएगा।


यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि यह बदलाव नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार किए गए हैं, जिससे विकास योजनाएं अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी बनेंगी।



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