विप्र फाउंडेशन गुवाहाटी चैप्टर की अगुवाई में तैयारियां शुरू, 27 जुलाई को परशुराम सेवा सदन में होगा आयोजन
गुवाहाटी। “ब्राह्मण की बेटी, ब्राह्मण को” के मूलमंत्र को सार्थक करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए विप्र फाउंडेशन जोन-8 के अंतर्गत गुवाहाटी चैप्टर, महिला प्रकोष्ठ और छः न्याति पत्रिका के संयुक्त तत्वावधान में आगामी 27 जुलाई को गुवाहाटी के परशुराम सेवा सदन में एक वैवाहिक परिचय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इसको लेकर एक अहम बैठक परशुराम सेवा सदन, छत्रीबाड़ी में आयोजित हुई।बैठक की अध्यक्षता गुवाहाटी चैप्टर अध्यक्ष शिव पारीक ने की, जिसमें आयोजन की रूपरेखा और व्यवस्थाओं पर विस्तृत चर्चा हुई। इस मौके पर विप्र फाउंडेशन जोन-8 की अध्यक्ष मंजुलता शर्मा और महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष विनीता रिणवा सहित समाज के कई गणमान्य सदस्य मौजूद रहे।
आयोजन की जिम्मेदारियां तय:-
सभा में कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अरुण गोवला, रामजीवन व्यास और शैलेन्द्र शर्मा को संयोजक नियुक्त किया गया। शैलेन्द्र शर्मा ने जानकारी दी कि सम्मेलन को व्यवस्थित रूप देने हेतु कई उप-समितियों का गठन किया गया है।
संपर्क समिति के अंतर्गत राम निरंजन झिकनाडिया, प्रभात शर्मा, मुकेश पारीक, राकेश भातरा, दयाराम गुर्जर गौड़, रजनी गौड़, सुमन शर्मा, और सुनीता बागड़ा को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। ये सभी पंजीकरण, संपर्क और प्रचार-प्रसार का कार्य संभालेंगे।
देशभर से मिल रही है सहभागिता
संयोजक अरुण गोवाला ने जानकारी दी कि अभी तक 55 युवक और 21 युवतियों का पंजीकरण हो चुका है। प्रतिभागी सिर्फ असम से ही नहीं, बल्कि जयपुर, सिरसा, हैदराबाद, नई दिल्ली जैसे शहरों से भी सम्मेलन में भाग लेने के लिए संपर्क कर रहे हैं।
इस आयोजन का उद्देश्य ब्राह्मण समाज के युवाओं को एक ऐसा मंच प्रदान करना है, जहां वे वैवाहिक जीवन के लिए उचित साथी का परिचय पा सकें, पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों के साथ।
सदस्यता और सहभागिता
सभा में राजकुमार शर्मा सोती, संपत मिश्र, प्रभात शर्मा सहित अन्य सदस्यों ने सुझाव दिए और कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सहयोग का आश्वासन दिया। इस अवसर पर अमित पारीक, अरविंद पारीक, रंजना पारीक, सुमन पारीक, सुमन शर्मा, जय शर्मा सोती और महिला प्रकोष्ठ की मंत्री रजनी गौड़ सहित अनेक सदस्य उपस्थित थे।
विप्र फाउंडेशन का यह प्रयास समाज में समरसता, एकता और सहयोग की भावना को मजबूत करेगा। ब्राह्मण समाज के लिए यह सम्मेलन एक नई पहल के रूप में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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