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अष्टलक्ष्मी परशुराम फाउंडेशन परशुराम कुंड में करेगा कार सेवा

 


लगाएगा जुबिन और भूपेन दा की आदमकद मूर्ति

गुवाहाटी। अष्टलक्ष्मी परशुराम फाउंडेशन के प्रांतीय महामंत्री अनूप शर्मा ने परशुराम कुंड विकास न्यास के अध्यक्ष चाओ सांग सिंग में से मुलाकात की। इस दौरान शर्मा ने उन्हें अष्टलक्ष्मी रजत कलश प्रदान कर शुभकामनाएं प्रदान की। मुलाकात के दौरान महामंत्री शर्मा ने दिसंबर में अष्टलक्ष्मी परशुराम फाउंडेशन द्वारा परशुराम कुंड में आयोजित होने वाली कार सेवा पर विस्तार से चर्चा की, जिस पर चाओ सांग सिंग में ने हर तरह से सहयोग का आश्वासन दिया। इस दौरान शर्मा ने इच्छा जाहिर की, कि अगर अरुणाचल सरकार अनुमति देती है तो परशुराम कुंड में महान संगीतज्ञ एवं गायक जुबिन गर्ग तथा भारत रत्न भूपेन हजारिका की आदमकद मूर्ति फाउंडेशन लगाएगी। इस पर भी अरुणाचल विकास न्यास के अध्यक्ष ने सकारात्मक जवाब दिया। इस दौरान शर्मा ने 2019 में रेणुका मातृ समिति, तिनसुकिया द्वारा परशुराम कुंड में की गयी विकास यात्रा के अलावा तिनसुकिया के विभिन्न सामाजिक संगठनों और व्यक्तियों द्वारा परशुराम कुंड के विकास में योगदान का भी जिक्र किया। शर्मा ने उन्हें बताया कि परशुराम कुंड यात्रा को सहज बनाने के लिए तिनसुकिया अष्टलक्ष्मी परशुराम फाउंडेशन स्थानीय विप्र एवं अन्य समाज बंधुओं के सहयोग से समाजसेवी एवं उद्योगपति रतन शर्मा के संरक्षण में एक भवन का निर्माण भी करने जा रही है, जिसके चलते तीर्थयात्रियों को रहने व खानेपीने की अच्छी सुविधा मिल सकेगी और इलाके में धार्मिक पर्यटन को बढावा दिया जा सकेगा। मौके पर उन्होंने न्यास के अध्यक्ष से बातचीत में परशुराम कुंड (लोहित-जिला, अरुणाचल प्रदेश) के लिए प्रसाद योजना के अंतर्गत विकास परियोजना के लिए ₹ 37.88 करोड़ स्वीकृत तथा अबतक ₹ 31.02 करोड़ जारी करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की तारीफ करने के साथ ही आभार जताया। गौरतलब है कि केंद्र और राज्य सरकार की इस संयुक्त परियोजना का लगभग 92% प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। उल्लेखनीय है कि राज्य के मुख्य सचिव द्वारा 1 मई 2025 को साइट का निरीक्षण किया गया — इसमें प्रगति की समीक्षा की गई और विभिन्न विकास-कार्य की स्थिति जाँची गई। इस परियोजना का उद्देश्य इस तीर्थस्थान को बड़े पैमाने पर विकसित करना है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ हो सके। मालूम हो कि योजना “प्रसाद” के तहत तीर्थस्थलों में आधारभूत सुविधाएं विकसित करने की केंद्र-सरकारी पहल है।

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