सेंकी अग्रवाल
गोरेश्वर। भारतरत्न सुधाकंठ डॉ. भूपेन हजारिका की 14वीं पुण्यतिथि आज पूरे राज्य के साथ तामुलपुर में भी श्रद्धा से स्मरण की गई। असम सरकार के सांस्कृतिक परिकर्मा विभाग के प्रयास और प्रत्येक जिले के जिला प्रशासन के सहयोग से महान कलाकार को सभी ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम के तहत तामुलपूर जिला प्रशासन ने तामुलपूर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान में आज एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया। समारोह में असम सरकार के गृह निर्माण और नगर परिकर्मा, जन स्वास्थ्य तकनीकी विभाग के मंत्री तथा तामुलपूर जिले के अभिभावक मंत्री जयंत मल्ल बरुआ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। “सुधाकंठ की प्रत्येक रचना, प्रत्येक गीत हमारे सभी के अंतर्मन को छूता है। इसी कारण वह हमारे हृदय में सदा उपस्थित रहते हैं,” ऐसा उल्लेख करते हुए उन्होंने डॉ. भूपन हजारिका के रंगीन जीवन पर प्रकाश डाला। स्वागत भाषण में जिले के जिला आयुक्त पंकज चक्रवर्ती ने उनके संक्षिप्त, किंतु गंभीर वक्तव्य में सुधाकंठ के समग्र कार्यों पर प्रकाश डालने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुधाकंठ के महत्व का भी उल्लेख किया। आज के कार्यक्रम में जिले के विभिन्न स्कूलों के लगभग 3,000 विद्यार्थियों ने सुधाकंठ की अमर रचना "मानुहे मानूहोर बाबे" को सामूहिक रूप से गाकर एक मनोरम दृश्य वाला वातावरण का निर्माण किया। आज के कार्यक्रम में माननीय मंत्री जयंत मल्ल बरुआ और जिला आयुक्त पंकज चक्रवर्ती के अलावा पूर्व विधायक इमानुअल मुसाहारी, बीटीसी के पूर्व इ एम रणेंद्र नर्जारी, पारिषद महेश्वर बासुमातरी और लक्ष्मी दास, तामुलपूर जिला भाजपा के अध्यक्ष विक्टर दास, तामुलपूर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक टाबुराम पेगु और जिला प्रशासन के अधिकारी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी-कार्मिक उपस्थित थे।






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