लंदन। किसी देश के पासपोर्ट की ताकत का आंकलन अन्य देशों से उसके रिश्तों के आधार पर होता है। इस बाबत जारी 2022 की पहली रिपोर्ट में जापान व सिंगापुर का पासपोर्ट सबसे ताकतवर माना गया है। इस रिपोर्ट में भारत की स्थिति भी कुछ सुधरी है।
इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) से मिले आंकड़ों के आधार पर हेनले पासपोर्ट इंडेक्स ने वर्ष 2022 की पहली तिमाही के लिए नई रैंकिंग जारी की है। इसके मुताबिक 192 देशों को बिना वीजा यात्रा अनुमति दिलाने वाला जापान व सिंगापुर का पासपोर्ट पहले स्थान पर है। 190 देशों की वीजाविहीन यात्रा सुविधा वाला जर्मनी व दक्षिण कोरिया का पासपोर्ट दूसरे स्थान पर रखा गया है। फिनलैंड, इटली, लक्जमबर्ग और स्पेन के पासपोर्टधारकों को 189 देशों की यात्रा के लिए वीजा की जरूरत नहीं है, इसलिए इन देशों के पासपोर्ट ताकत के मामले में तीसरे स्थान पर हैं। ताकत के मामले में चौथे स्थान पर ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, फ्रांस, नीदरलैंड व स्वीडन और पांचवें स्थान पर आयरलैंड व पुर्तगाल के पासपोर्ट हैं। सबसे खराब स्थिति में 111वें स्थान के साथ अफगानिस्तान का पासपोर्ट है। रैकिंग सूची में नीचे से पांच देश अफगानिस्तान, ईराक, सीरिया, पाकिस्तान और यमन हैं।
भारत का पासपोर्ट 83वीं स्थान पर:
पासपोर्ट रैंकिंग वाली इस सूची में भारत ने तीन माह में सात पायदान की छलांग लगाई है। भारतीय पासपोर्ट पर बिना वीजा के 60 देशों की यात्रा की जा सकती है। इस आधार पर भारतीय पासपोर्ट ताकत के मामले में दुनिया में 83वें स्थान पर है।
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