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लघु उद्योग भारती का 'देश की मिट्टी, देश का दिया' कार्यक्रम का शुभारंभ



गुवाहाटी। लघु उद्योग भारती पूर्वोत्तर ईकाई ने दीपावली के उपलक्ष्य में एक अनोखी पहल करते हुए देश की मिट्टी देश का दिया कार्यक्रम आयोजित किया। जिसके अंतर्गत ग्राम्य में लघु उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गांव में बसे कुम्हार से दिवाली के दीपक बनवाकर उन्हें उचित मूल्य पर खरीद कर वितरण किया। जरूरतमंदों को निशुल्क वितरण के अलावा सक्षम लोगों के लिए सुलभ मुल्य में दिये बिक्री किए गए। गुवाहाटी के नारायण नगर स्थित आलोक भवन के संघ चालक मधुकर लिमये सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन महानगर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघचालक गुरु प्रसाद मेधी ने भारत माता के चित्र के आगे दीप प्रज्वलित करके किया। अवसर पर उनके साथ असमिया फिल्म सिटी ज्योति चित्रवन के चैयरमेन विद्यासागर बोरा, लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय सहसचिव आशीष देवड़ा, प्रांतीय अध्यक्ष रवि सुरेका , ग्राम शिल्प प्रकोष्ठ के चैयरमेन अरूप बोरपुजारी उपस्थित थे। यह कार्यक्रम गत चार वर्षों से चलता आ रहा है। इस वर्ष दो लाख दीपक पूरे पूर्वोत्तर में वितरण करने का लक्ष्य रखा गया है।इस कार्यक्रम के चलते ग्राम्य अंचल में रहने वाले कुम्हार को एक साथ उचित मूल्य मिलने पर उनके बीच खुशी की लहर देखी गई। प्रांतीय अध्यक्ष रवि सुरेका ने बताया कि लघु ग्राम्य उद्योग को बढ़ावा देने एवं उनको उनके उत्पाद का उचित मूल्य देने के उद्देश्य से ग्राम्य आंचल में बसे कुम्हार से मिट्टी के दीपक खरीदे गए। इस वर्ष दो लाख दीपक इन कुम्हारों से खरीद कर वितरण करने का लक्ष्य रखा गया है।कार्यक्रम के चैयरमेन अरूप बोरपुजारी ने कहा कि असम का प्राचीन मिट्टी के बर्तन बनाने वाला समुदाय, कुम्हार मिट्टी के बर्तन और मोमबत्तियाँ बनाने के पारंपरिक व्यवसाय से अच्छी तरह से परिचित है। दुर्भाग्य से, पिछले कुछ वर्षों में बाजार की चुनौतियों और विभिन्न समुदायों के बिचौलियों की आमद के कारण, असम के विभिन्न हिस्सों में मिट्टी के दिये बनाने का व्यवसाय खतरे में है। परिणामस्वरूप, गाँव के कारीगरों का एक बड़ा हिस्सा नौकरियों की तलाश में अपना पारंपरिक व्यवसाय छोड़ चुका है।पिछले चार वर्षों से लघु उद्योग भारती इन ग्रामीण कारीगरों को दिवाली के दौरान बाजार में मदद कर रही है। इसकी शुरुआत पहले वर्ष में एक लाख दिये की बिक्री से हुई, जो बाद के वर्षों में कई लाख तक पहुंच गई। जिससे ये ग्रामीण आत्मनिर्भर हो गए। अब कुलबिल हीरापारा, चापर, धुबरी आदि पूर्ण रूप से मिट्टी के बर्तन उद्योग बन गए हैं। आज के कार्यक्रम में वर्तमान प्रांतीय अध्यक्ष मनोज लुडिया, पूर्व अध्यक्ष बीएल अग्रवाल के अलावा अन्य कई सदस्य उपस्थित थे कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और विशिष्ठ अतिथि के कर कमल से उपस्थित कई गणमान्य व्यक्तियों को दीपक के पैकेट प्रदान किए गए। प्रांतीय सचिव विवेक अग्रवाल ने सभी को धन्यवाद ज्ञापन दिया।

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