नवरतन मल गधैया
संतों की संगत से होता है जीवन में परिवर्तन : भावितप्रज्ञा
गुवाहाटी - महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या समणी निर्देशिका भावितप्रज्ञाजी समणी संघप्रज्ञाजी एवं समणी मुकुलप्रज्ञाजी के स्थानीय तेरापंथ धर्मस्थल में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के उपलक्ष्य पर रविवार को आयोजित स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए समणी निर्देशिका भावितप्रज्ञाजी ने कहा कि संतों की संगत बुद्धि विकास, वाणी में सत्यता, मान-सम्मान एवं चित्त को प्रफुल्लित करने वाला होता है। सभी समय का सदुपयोग करें। समणी संघप्रज्ञाजी ने कहा कि समणी निर्देशिका भावितप्रज्ञाजी का पावस प्रवास पाकर गुवाहाटी वासियों को दुर्लभ अवसर प्राप्त हुआ है। इससे पूर्व समणी मुकुलप्रज्ञाजी ने प्रेक्षाघ्यान का प्रयोग करवायें।कार्यक्रम का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र के समुच्चार एवं महिला मंडल की बहनों द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण से हुआ।इस अवसर पर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष श्री बसंत कुमार जी सुराणा ने समणीवृंद का स्वागत - अभिनन्दन करते हुए उम्मीद जताई कि सिर्फ तेरापंथ समाज ही नहीं, अपितु संपूर्ण मानव समाज आपके प्रवचनों से लाभान्वित होंगे। तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष श्री माणक जम्मड, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष श्री छत्तरसिंहजी चोरङिया, तेरापंथ महिला मंडल की उपाध्यक्ष श्रीमती मंजू भंसाली, आचार्य तुलसी महाश्रमण रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री उत्तम चंद जी नाहटा, किशोर मंडल से श्री निकुंज सेठिया, कन्या मंडल की संयोजिका सुश्री सोनल बरङिया ने अपने भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति दी।साथ ही अर्हम भजन मंडली ने मधुर गीतिका का संगान किया।
इस अवसर पर समणी जी ने वरिष्ठ श्रावक श्री हनुमान मल जी संचेती को 6 की तपस्या का प्रत्याख्यान करवाया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सभा के कर्मठ मंत्री श्री अशोक जी सेठिया ने किया।
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