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बधाई हो... मदन सिंघल




जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं


शुभकामनाएं दाता:

सुमित्रा सिंघल ( पत्नी) 

स्नेहा सिंघल ( छोटी बेटी) 

प्रीति सिंघल ( बङी बेटी) 


जंवाई एवं दोहित्रि:

बीनित हीया लव्या अग्रवाल










जन्म दिन को यादगार बनाने के लिए धार्मिक सामाजिक कार्य करें


जन्म दिन तो गरीब अमीर राजा प्रजा का हर साल ही आता है इसलिए यदि यादगार बनाना है तो परिवार के साथ ईश्वर का धन्यवाद करें पूजा अर्चना करें ओर याद करें उन वादों को जो माँ के गर्भ में किया था कि हे ईश्वर मुझे मुक्ति प्रदान करें मै जन्म लेकर अपने देश समाज के लिए काम करूँगा। निश्चित रूप से पारावारिक दायित्व का बखूबी पालन करूँगा। लेकिन सिर्फ परिवार को ही पालने के लिए सारा अमूल्य जीवन बरबाद नहीं करूँगा। निति नियत नैतिकता धर्म कर्म ईमानदारी से जितना संभव होगा उससे भी अधिक करने का प्रयास करूँगा। बाधाएं आयेगी लोग अङंगा लगायेंगे उकसायेंगे कर्तव्य पथ पर जाने से भटकायेंगे लेकिन इच्छा शक्ति एवं


सकंल्प दृड होगा तो

है कौन वस्तु ऐसी जग में

जो टिक ना सके मानव मग में

मानव जब जोर लगाता है

पत्थर पानी हो जाता है,


   इसलिए अपनी शक्ति एवं भक्ति से निरंतर सतकर्म करना पङेगा। 


जन्म दिन पर लगभग सभी लोग पश्चिमी संस्कृति के अनुसार केक काटते हैं तथा मोमबत्ती जलाकर बुझाते है। असल में एक विद्वान मित्र के अनुसार केक काटना भारतीय संस्कृति में बिलकुल सही नहीं है। मोमबत्ती जलने एवं बुझने से जो एक गैस फैलती है वो वातावरण को दुषित करती है। अतेव हमें ऐसा करना ही नहीं है। 


   भगवान् के सामने शुद्ध देशी घी का दीपक जलाएं वातावरण शुद्ध होगा। कहते हैं कि गाय के एक ग्राम घी से एक टन ऑक्सीजन बनती है इसलिए भारत देश में आये दिन छोटे छोटे यज्ञतथा विभिन्न अवसरों पर महायज्ञ आयोजित होते हैं। जन्म मरण विवाह शादी तथा धार्मिक अनुष्ठान में यज्ञ की महता सर्वोपरि है। 


    जन्म दिन अक्सर अपनी क्षमता के अनुसार मनाया जाता है इसलिए अपनी हेसियत के हिसाब से ही सामाजिक धार्मिक कार्य करें। होटलों में जन्म दिन मनाने के लिए कोई लक्ष्मण रेखा नहीं है लेकिन पांच दस प्रतिशत धन गरीबों की झोपड़ी में दीप जलाने गरीबों में भोजन कपड़े अन्य जरूरत की सामग्री वितरित करने से आपको असीम संतोष एवं आनंद की प्राप्ति होगी वो गरीब आपकी लंबी उम्र की कामना करेगा तो स्वाभाविक है आप स्वस्थ्य एवं सुरक्षित रहेंगे। 


    आजकल तो बङे बङे धनाड्य लोग अपने जन्म दिन पर साल के हिसाब से लाखों अथवा करोड़ों रुपये खर्च करते हैं उससे सार्वजनिक निर्माण होता है जो दशकों तक लोगों के काम आता है तथा जन्म दिन यादगार बन जाता है।


मदन सुमित्रा सिंघल

पत्रकार एवं साहित्यकार

शिलचर असम

मो 9435073653

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