गुवाहाटी. कामाख्या धाम में चल रहे अंबुवासी महायोग उत्सव के अंतिम दिन आज पंच दशानन जूना अखाड़ा (दशनामी) के साधु संन्यासियों ने प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करते हुए मंदिर के मुख्य मार्ग पर धरना देकर प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में साधुओं ने प्रशासन और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की। इससे पहले कामाख्या मंदिर के ऊपर दशनामी जूना अखाड़ा के साधु संन्यासियों की एक सभा थानपति की अध्यक्षता मे हुई। सभा में संन्यासियों के ऊपर पुलिस और प्रशासन द्वारा अनदेखी करने के आरोप लगाए गये। धरना प्रदर्शन में नागा साधु और किन्नर साधुओं ने भी भाग लिया। साधुओ ने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन ने नागा साधुओं को शौचालय प्रयोग करने में बड़ा देकर उन्हें रोका जिस पर नागा साधु भड़क उठे हमारे साधु सन्यासी जब बीमार पड़ते हैं तो यहां के स्थानीय अस्पताल उन्हें बड़े अस्पताल के लिए रेफर कर देते हैं। जब हम उन्हें बड़े अस्पताल में भर्ती कराकर वापस आते हैं तो हमें रास्ते में जाने नहीं दिया जाता। कुछ साधुओं को रात्रि 9:00 बजे बाद नीचे ही रोककर रखा और रात भर वे नीचे ही रहे। कामाख्या देवोतर बोर्ड परिचालना समिति के होरु दोलोई हिमाद्री शर्मा ने साधुओं से बातचीत करने के लिए उनसे कुछ समय की मांग की। होरू दोलोई ने 45 मिनट के बाद नागा साधुओं को समझा बूझकर माहौल को शांत किया। लेकिन साधुओं ने पर्यटन मंत्री जयंतमल बरुआ को मामले में हस्तक्षेप करने की मांग रखी तथा पुलिस के बड़े अधिकारियों को भी आकर साधू सन्यासियों की परेशानी को जानने की मांग रखी। इस बीच पुलिस और साधू सन्यासियों के बीच हल्की हाथापाई भी हुई।जिससे साधु और अधिक उत्तेजित हो गए। साधुओं का मुख्य आरोप था कि नागा साधुओं को प्रशासन और पुलिस विभाग किसी तरह का कोई महत्व नहीं देता है, नहीं उन्हें किसी तरह की कोई सहायता मुहैया कराई जाती है। जिससे नागा साधुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दूसरी ओर स्काउट के रूप में कुछ छोटे-छोटे एवं अनुभवहीन बच्चों को ड्यूटी पर लगाने के चलते साधु सन्यासी के अलावा पत्रकारों के साथ भी दुर्व्यवहार की गई घटनाएं सामने आई है। स्काउट गाइड के कुछ बच्चे किसी से भी इज्जत व सम्मान पूर्वक बात नहीं करते। बड़े छोटे का सम्मान करना भी नहीं जानते। ऐसे बच्चों को ड्यूटी पर तैनात करना भी एक विवाद का विषय है। इससे पहले भी गत 3 साल पहले भूतनाथ से कामाख्या धाम तक नागा साधुओं के जुलुस को भी प्रशासन द्वारा रोक दिया गया था और अगले वर्ष उन्हें इस शोभा यात्रा की अनुमति ही नहीं दी गई थी।
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आखिर कामाख्या मंदिर में पंच दशानन जूना अखाड़ा के साधुओं ने क्यों दिया धरना?
आखिर कामाख्या मंदिर में पंच दशानन जूना अखाड़ा के साधुओं ने क्यों दिया धरना?
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