बिजनी :- असम ब्राह्मण समाज की दो दिवसीय कार्यकारिणी बैठक बंगाईगांव क्षेत्रीय ब्राह्मण समाज के तत्वावधान में 26 और 27 जुलाई को बंगाईगांव के "शंकर माधव एकेडमी" परिसर में आयोजित की गई।इस बैठक में असम के विभिन्न जिलों से आए सों से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की शुरुआत शनिवार को प्रतिनिधि सभा के साथ हुई जिसमें समाज के भविष्य की दिशा और योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। दूसरे दिन का शुभारंभ समाज के अध्यक्ष अमूल्य नाथ शर्मा द्वारा ध्वजारोहण के साथ हुआ। इसके पश्चात कार्यकारिणी बैठक का संचालन भी उन्होंने ही किया। बंगाईगांव जिला समिति की ओर से प्रदीप भागवती ने स्वागत भाषण दिया जबकि प्रधान सचिव तुतुल बरठाकुर ने बैठक के उद्देश्यों को स्पष्ट किया। बैठक में संगठन की संरचना, उद्देश्य और आगामी कार्यक्रमों पर गहन चर्चा की गई।एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव में असम ब्राह्मण समाज ने राज्य सरकार से मांग की है कि माध्यमिक स्तर पर "संस्कृत शिक्षा" को सभी विद्यालयों में अनिवार्य किया जाए। साथ ही इस मुद्दे पर सरकार पर दबाव बनाने का भी निर्णय लिया गया। एक अन्य प्रस्ताव में समाज ने केवल जातिगत आधार पर आरक्षण देने के बजाय योग्यता और आर्थिक स्थिति के आधार पर आरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। दिनभर के कार्यक्रमों का समापन बंगाईगांव क्षेत्रीय समिति के सचिव अशोक शर्मा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। वही इस मौके पर आमंत्रित अतिथि के तौर पर विप्र फाउंडेशन (मारवाड़ी ब्राह्मण समाज) बंगाईगांव के अध्यक्ष नटवरलाल शर्मा की अगुवाई में उपाध्यक्ष बरम प्रकाश शर्मा, महासचिव सुनील कुमार शर्मा, सलाहकार रामावतार पारीक, सलाहकार कमल शर्मा सहित एक प्रतिनिधिमंडल उपस्थित होकर असम ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष अमूल्य नाथ शर्मा एवं प्रधान सचिव तुतुल बरठाकुर को विप्र प्रतीक दुपट्टा और प्रतीक चिन्ह भेंट करके उनका अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर विप्र फाउंडेशन (मारवाड़ी ब्राह्मण समाज) बंगाईगांव के अध्यक्ष नटवरलाल शर्मा ने अपने संक्षिप्त संबोधन में आपसी समन्वय द्वारा असम ब्राह्मण समाज को आगे बढ़ाने का अपना संकल्प दोहराया।
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